मंगलवार, 5 जनवरी 2010

सदगुरु इमाम शाह महाराज


                       ॐ  ॐ श्री निष्कलंकी नारायण नमो नम:
 सूफी संत इमामशाह महाराज नो जन्म उंच मुलतान मा सन १४४० मा थयो हतो संत इमामशाह चार वरस नी उम्रमा पाठसालामा गया हता अने मात्र आठ दिवसमा ज सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर्यु। पोतानी दिव्य सक्तिथि मानव कल्याण एवंम सत्पंथ धर्मना प्रचार माटे१२ वर्स नी उमरमा ज संत इमामशाह महाराज समग्र भारत भ्रमण करवा निकली पडया हता अने ते दरम्यान पोतानी दिव्य शक्ति थी बधी ज जाती अने संप्रदायना लोको ने उपदेस आप्यो , तेमना साथीदार अने सारथी चन्दनवीर हता। जेओ हमेशा तेमनी साथे रहता तेथी तेमनु नाम हाजरबेग पडयु तेमनी उम्र ४० वर्ष हती। भारत भ्रमण पछि संत इमामशाह महाराज गुजरात आव्या श्री कृष्ण भगवन द्वारा द्वापरयुग ना अंतिम समय मा "कुवारिका भूमि" नु निर्माण कर्यु हतु तेज स्थान पर सूफी संत इमामशाह महाराजऐ भारतवर्स मा वैदिक सत्पंथ सनातन धर्म नो प्रचार करता पीराणा उपर सत्पंथ प्रेरणा पीठनी स्थापना करी हती सदगुरु इमामशाह महाराजे असंख्य दुखी जिवात्माओना दुख दूर करया। अंधणा ने आँखों , गूंगाने वाणी , बहराओने श्रवण शक्ति , निसंतानो ने संतान सुख तथा मृत लोकोने जीवनदान पण आप्यु हतुं। सूफी संत इमामशाह महाराजे पोतानी पीठ (प्रेरणापीठ) ना गादीना वारसदार तरीके सर्व प्रथम साणाकाका नि नियुक्ति करी हती। तेओ हिन्दू जातीना पाटीदार कुलना हता। आज परम्पराने आगण वधारता वर्तमानमा २३मा गादीपति परम पूज्य नानकदासजी महाराज छे। जेनी आगण ना गादीपति आध जगतगुरु श्रीकरसनदासजी महाराज हता तेमना समय काण मा पेरणा पीठनो सारो ऐवो विकास थयो छे.

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